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विवाह को सफल कैसे बनाएं?→

एक प्रेम विवाहित युगल को एक दूसरे के जीवन मूल्यों का सम्मान करना चाहिए. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर मतभेद होने पर एक-दूसरे के साथ बेहतर समझ और तालमेल बैठाने की चेष्टा करनी चाहिए. हमेशा एकाधिकार करने की बजाय विनम्रता का गुण अपने अंदर समाहित करना चाहिए. वास्तुशास्त्र एक ऐसी कला है जिसमें किसी स्थान की ऊर्जा के संतुलन पर ज़ोर दिया जाता है। ऐसे ही वास्तु में सभी चीजों को सही स्थान पर रखने की सलाह भी दी जाती है जिससे सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित किया जा सके। एक दूसरे के परिवार के प्रति सम्मान भी भारत में विवाह की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारक है. एक युगल को अपने रिश्ते में ईमानदारी और पारदर्शिता रखनी चाहिए. जीवन में जब भी नकारात्मकता आए तो ऐसी स्थिति में साथी का साथ देना चाहिए. इसका अर्थ है कि आप एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और यदि आप ऐसा कर सकते हैं, तो आप नि:संदेह एक सफल प्रेम संबंध स्थापित कर पाएंगे. कैसे मिलेगी लव मैरेज में सफलता? डॉ विनय बजरंगी: ज्योतिषी के पास कोई जादू की छड़ी नहीं होती. अधिकतर मामलों में दोनों साथी एक-दूसरे के विषय में कई बातों से अवगत होने का दावा करते हैं, क्योंकि उन्होंने एक-दूसरे के साथ काफी समय बिताया है. यह बात काफी तर्क संगत और सरल है और इसमें कुछ भी त्रुटिपूर्ण नहीं है. हालांकि लव मैरिज में सफलता के लिए विवाह से पूर्व इन विशेषताओं और लक्षणों का सत्यापन करना आवश्यक है, जिसका सुझाव मैं एक प्रेम समस्या समाधान ज्योतिषी होने के नाते दे सकता हूं. एक अच्छा विवाह ज्योतिषी आपकी लव मैरिज की सफलता के लिए आप दोनों की जन्म तिथि के जरिए आने वाले मन मुटाव से आपको अवगत कराकर प्रेम अनुकूलता की स्पष्टता करता है. लव मैरिज का बेस्ट सॉल्यूशन क्या है? डॉ विनय बजरंगी: लव मैरिज का बेस्ट सलूशन है कि आप जो प्रेम विवाह से पहले हैं, उसे आप किस तरह विवाह के बाद बरक़रार रख सकते हैं. उसके लिए प्रेम विवाह हो या अरेंज्ड मैरिज, आपको संबंधों को मधुर रखना होता है. लव मैरिज का बेस्ट सलूशन है कि कुंडली मिलान करके विवाह करें और अगर कभी लव मैरिज (Love Marriage) के बाद मतभेद होते हैं तो ये सब ठीक किए जा सकते हैं. इसके लिए आप किसी अच्छे विवाह ज्योतिष से संपर्क कर सकते हैं. क्या प्रेम विवाह में कुंडली मिलान करना चाहिए? यदि आपका मतलब कुंडली मिलान से केवल गुण मिलान या कम्प्यूटरीकृत परिणाम लेना है तो आप कुंडली मिलवाते हैं या नहीं इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता. यदि आप वैदिक ज्योतिष मानकों के अनुसार संबंध अनुकूलता के कारकों का मिलान कर रहे हैं तो यह आपके लिए महत्त्वपूर्ण और लाभकारी दोनों है. चाहे प्रेम विवाह (Love Marriage) हो या सुसंगत, सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रेम संबंध को निभाना होता है. इसलिए विवाह के लिए कुंडली मिलान करना एक अच्छा निर्णय होता है. यह आपको वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्या के बारे पहले से संकेत दे सकता है और आपको बता सकता है कि आपको इस समस्या से बचने के लिए क्या करना चाहिए. प्रेम विवाह में कुंडली मिलान का एक प्रमुख कारण यह है कि प्यार में कभी-कभी हम सामाजिक और पारिवारिक सीमाओं की उपेक्षा करते हैं. विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए आप शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले गुरुवार को विष्णु भगवान और लक्ष्मी माता की पूजा के साथ उनकी तस्वीर के सामने स्फटिक की माला से ’ॐ लक्ष्मी नारायण नमः’ मंत्र का जाप करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस उपाय को कम से कम तीन माह तक करें।

प्रेम विवाह→

आज के समय में ज्यादातर लोग प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लड़का और लड़की दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं, दोनों के बीच सबकुछ अच्छा चल रहा होता है, यहां तक कि दोनों के परिवार वाले भी राजी होते हैं, फिर भी शादी तक बात नहीं पहुंच पाती है। बार-बार शादी के बीच कोई न कोई समस्या आ ही जाती है। यदि आप भी प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन शादी की बात नहीं बन पा रही है तो आप ज्योतिष की मदद ले सकते हैं। ज्योतिष में ऐसे कई उपाय सुझाए गए हैं, जो आपके प्रेम विवाह में आ रही बाधा को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। दरअसल कहा जाता है कि कई बार ग्रह कमजोर होते हैं या नीच स्थिति में होते हैं तो उस दशा में प्रेम विवाह का योग नहीं बन पाता है। ऐसे में आप ग्रहों से जुड़े कुछ ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। इन उपायों से प्रेम विवाह के योग बनेंगे। चलिए जानते हैं प्रेम विवाह के ज्योतिष उपाय... धारण करें ये रत्न ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को बेहद चमत्कारी माना गया है। ऐसे में यदि आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं, लेकिन कोई न कोई समस्या आ रही है तो किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेकर हीरा या ओपल रत्न धारण करें। यदि कोई लड़का किसी लड़की से प्यार करता है और उसकी इच्छा है कि वो उस लड़की से शादी करके पूरा जीवन उसके साथ रहे, लेकिन घर वाले राजी नहीं हो रहे हैं तो वे नए साल के पहले सोमवार को शंकर जी का केसरमिश्रित जल से अभिषेक करें. साथ ही शिवलिंग पर नागकेसर का फूल, शमी का पत्ता और धतूरा चढ़ाएं. इसके बाद 'ह्रीं ह्रीं गिरिजा पतये शिवशंकराय ह्रीं ह्रीं' मंत्र का एक जाप करें. इस उपाय को करने से शादी में आ रही पारिवारिक दिक्कत दूर हो जाती है और घर वाले शादी के लिए समहमि जता देते हैं.

वैवाहिक जीवन में समस्या→

लग्न कुंडली कुंडली में 7वां घर 6वें घर में होता है तो 8वां घर शादी को तलाक की तरफ ले जाता है. छठे या आठवें भाव के स्वामी का सप्तम भाव के स्वामी के साथ होने से भी वैवाहिक समस्याएं पैदा करता है. वहीं, अगर किसी की कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में किसी अन्य अशुभ ग्रह से जुड़ा हो व लग्न कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव में स्थित हो और उस पर मंगल की दृष्टि हो तो तलाक के योग बनते हैं. जबकि तलाक से संबंधित समस्याओं का सामना करते समय ज्योतिष को पेशेवर परामर्श या कानूनी सलाह की जगह नहीं लेनी चाहिए, यह रिश्ते की गतिशीलता में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए एक मूल्यवान पूरक उपकरण हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र व्यक्तियों को खुद को और अपने साथियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है, जिससे उनके विवाह के भविष्य के बारे में अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। चाहे अनुकूलता विश्लेषण, समय मार्गदर्शन, या उपचारात्मक उपायों की तलाश हो, ज्योतिष तलाक से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने और संभावित रूप से एक परेशान विवाह को बचाने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है। याद रखें कि हर स्थिति अनोखी होती है, और तलाक से संबंधित मुद्दों पर खुले दिमाग से विचार करना और समाधान के लिए विभिन्न रास्ते तलाशने की इच्छा आवश्यक है।

कौन से ग्रह बाधक बनते है संतान सुख में?→

संतान का सुख दुनिया का सबसे बड़ा सुख होता है, पर कुछ दंपति इस सुख का आनंद नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में वे कई बार बड़े अस्पतालों या क्लीनिक के चक्कर काटते हैं। ये सब करने पर भी उन्हें मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है। ऐसे में आपको ज्योतिष शास्त्र का सहारा लेना चाहिए। कई बार इस समस्या का निवारण डॉक्टर नहीं पर ज्योतिष शास्त्र कर सकता है। तो जानते हैं किन वजहों से आपको संतान नहीं हो रही है और उसका हल भी। पति या पत्नी में से किसी एक की कुंडली में संतानहीनता योग होता है तो दाम्पत्य जीवन नीरस हो जाता है। अनुभव में यह भी नहीं पाया गया है कि संतानहीनता योग वाली महिला की शादी संतति योग वाले पुरुष के साथ की जाए अथवा संतानहीन योग वाले पुरुष की शादी संतित योगा वाली महिला के साथ की जाए और इस प्रकार का कुयोग दूर हो जाए लेकिन यह कुयोग नहीं कटता और जीवन भर संतान का अभाव बना रहता है। ऐसी स्थिति में ईश कृपा, देव कृपा या संत कृपा ही इस कुयोग को काट सकती है। निम्र उपाय भी संतान सुख देने में सहायक होते हैं। षष्ठी देवी का जप पूजन एवं स्त्रोत पाठ आदि का अनुष्ठान पुत्रहीन व्यक्ति को सुयोग पुत्र संतान देने में सहायक होता है। संतान गोपाल मंत्र- ॐ क्लीं ॐ क्लीं देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते। देहि ने तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं क्लीं क्लीं क्लीं ॐ का जप एवं संतान गोपाल स्रोत का नियमित पाठ भी संतति सुख प्रदान करने वाला होता है।

ज्योतिष जन्म कुंडली→

तुलसी को पौधे को बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है। ज्योतिष के अनुसार तुलसी का पौधा घर लगाने से सकारात्मकता आती है। अगर आपके काम बनते बनते रह जाते हैं तो श्यामा तुलसी का पौधा लगा और उस पौधे में नियमित रुप संध्या के समय घी की दीपक प्रज्वलित करें। इस उपाय को नियम पूर्वक पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ करना चाहिए। इससे आपको समस्या का समाधान हो जाएगा। अगर आपका जन्म 5,14 या 23 तारीख को हुआ है तो आपका मुख्य अंक 5 है, जिसके स्वामी बुध हैं। इस वर्ष का स्वामी भी केतु ग्रह हैं क्योंकि 2023 का योग 7 है। आप बहुत ही समझदार और चालाक व्यक्तित्व के स्वामी हैं। किसी से कोई काम निकालवाना हो तो आप बखूबी जानते हैं। आप अपने काम को लेकर स्वार्थी भी हो जाते हैं। आपके अंक 5 में गज़ब का साहस, गतिशीलता और ऊर्जा है। 2023 वर्ष आपके कार्य में सफलता और आपकी पहचान का सूचक बनेगा जिससे आपके सभी रुके काम भी बनेंगे और आपके सपने पूरे होंगे।

ज्योतिषीय उपाय से करें नौकरी के संकट को दूर→

शनि ग्रह कर्म फलदाता है। यह कर्म भाव यानि कुंडली के दशम भाव का भी अधिपति है। यदि किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह कमजोर है तो निश्चित ही उसे कार्यक्षेत्र में परेशानियां आ रही होंगी। ऐसी स्थिति में शनि ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए। इसके निमित्त आप शनिवार व्रत, शनिवार को काले तिल और सरसों के तेल का दान कर सकते हैं। नवग्रह शांति के लिए करें उपाय नवग्रह शांति हवन से सभी ग्रह शुभ हो जाते हैं और फिर जातकों को इसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। इसके लिए आपको योग्य पंडित से हवन कराना चाहिए। नवग्रह शांति के लिए आप नवग्रह यंत्र को शुभ मुहूर्त में स्थापित कर उसकी आराधना कर सकते हैं। ऐसा करने से नौकरी से जुड़ी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।

जानें ग्रहों का दूषित होना और उनका समाधान→

हमारा जीवन ग्रह-नक्षत्र से पूरी तरह से बंधा हुआ है यह कहना गलत नहीं होगा। ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर ग्रहों की स्थिति खराब हो तो अच्‍छी-खासी ज‍िंदगी बर्बाद हो जाती है। वहीं सही हो तो यह रंक को भी राजा बना देती है। खास बात यह है क‍ि ये खराब ग्रह हमेशा क‍िसी न क‍िसी रूप में संकेत जरूर देते हैं। लेक‍िन समय रहते ही इन्‍हें समझकर इनका समाधान कर ल‍िया जाए तो राहत म‍िल सकती है। तो आइए जानते हैं क‍ि कौन सा ग्रह देता है कैसा संकेत? सूर्य देवता को ग्रहों का राजा माना गया है। हर ग्रह की शक्ति के पीछे सूर्य ही होता है। सूर्य के कारण हड्डियों की और आंखों की समस्या होती है। मान्‍यता है क‍ि ह्रदय रोग, टीबी और पाचन तंत्र के रोग का कारण सूर्य का खराब होना ही होता है। ऐसे में अगर कोई ऐसी परेशानी से जूझ रहा हो तो उसे सुबह सूरज न‍िकलने से पहले जागना चाह‍िए। इसके अलावा न‍ियम‍ित रूप से सूर्य को जल अर्पित करें। भोजन में गेंहू की दलिया जरूर खाएं। तांबे के पात्र से जल पीएं। मान्‍यता है लाभ होता है।

पैसों की तंगी दूर करने के लिए तुरंत करें ये उपाय→

ज्योतिष शास्त्र में आर्थिक स्थिति के खराब होने की कई वजह बताई गई है। इसके अलावा कुंडली में मौजूद मंगल राहु और शनि ग्रह के कारण भी व्यक्ति को पैसों की तंगी का सामना तरना पड़ता है। जानिए इन ग्रहों को मजबूत करने के उपाय। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति के हिसाब से व्यक्ति के जीवन में कई बड़े उतार चढ़ाव आते रहते हैं। कई बार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कर्ज में डूब जाते हैं। धन संबंधी कई समस्याओं सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर होने के पीछे कुंडली में मौजूद ये तीन ग्रह है। इन तीन ग्रहों की स्थिति खराब होने से व्यक्ति को एक-एक पैसे के लिए भी मोहताज होना पड़ता है। जानिए इन ग्रहों के बारे में, साथ ही जानिए कुछ उपाय।

VEDIC POOJAN→

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**ज्योतिष संबंधित तथ्यों का विस्तारपूर्वक अध्ययन**

**परिचय:**

ज्योतिष, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक प्राचीन विज्ञान है जो हमें ग्रहों, नक्षत्रों, और उनके आकारों के अध्ययन के माध्यम से मानव जीवन के रहस्यों को समझने का प्रयास करता है। ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है और हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करना है।

**अध्ययन का विवरण:**

1. **ज्योतिष का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:**
ज्योतिष का अध्ययन भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसका शुरूआती उद्भव वेदों में मिलता है, जिनमें ग्रहों, नक्षत्रों, और ज्योतिष के प्रयोग के लिए विस्तृत विवरण मिलते हैं।

2. **ज्योतिष और विज्ञान:**
ज्योतिष का अध्ययन ग्रहों की गति, उनके स्थिति, और उनके आकारों पर आधारित है। यह विज्ञान हमें व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में होने वाली घटनाओं को समझने की क्षमता प्रदान करता है।

3. **ज्योतिष और धर्म:**
ज्योतिष भारतीय धर्म और संस्कृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां पर इसका उद्देश्य मुख्यतः मानव जीवन के धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं को समझने का है।

4. **ज्योतिष की विविधता:**
ज्योतिष विभिन्न प्रांतों में विभाजित होता है 

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